मुक्तक/दोहा

हमने भी सीखा- 25

मुक्तक

तुम आओ तो बहारें भी आएंगी
वरना जिंदगी वीरान है
वीरान ही गुजर जाएगी.

खुशी एक ऐसी चीज है,
जो आपके पास न हो,
फिर भी आप दूसरों को,
दे सकते हैं.

सिर्फ सांसें मत लीजिये
जीने का शौक भी रखिये
कहते हैं लोग
सांसें ही तुम्हारे पास गिरवी हैं
कहां से आएगा जीने का शौक!

जिंदगी का एहसास हुआ था
तेरे होने के एहसास से
पास आओ तो
यह एहसास बना रहे
हमेशा के लिए

हाथों में इसके लाठी है,
मजबूत उसकी कद-काठी है,
हर बाधा को वो कर देता है दूर,
दुनिया उसको कहती है मजदूर.
सच तो यह है,
कि मजदूर के बिना हम सब हैं
बेबस और मजबूर.

 

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244