मुक्तक/दोहा

मुक्तक

पहले मन्दिर तोडे, अब गोशाला तोड़ रहे हैं,
कांग्रेस के वंशज समाज में, नफ़रत घोल रहे हैं।
बाँटो राज करो की बातें, अंग्रेजों की कहने वाले,
सनातन पर प्रहार, धर्म की खाई खोद रहे हैं।
— अ कीर्ति वर्द्धन