अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रस्तुत “दोहा”
भोर हुई निकलो सजन, महके बगिया फूल। हाथ पाँव झटकार लो, आलस जाओ भूल।।-1 रात देर तक जागते, दिन भर
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Read Moreमुक्ति चाहते हो अगर, कैसा भी हो रोग। सुबह सवेरे कीजिये, नितप्रतिदिन ही योग।१। गहरा लंबा स्वांस ले, कर
Read Moreजब बालक की पीठ पर, लदा दुआ हो भार पढ़ने के सपने कहाँ, फिर होंगे साकार।। चमत्कार से के फेर
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