डूबी शाम
कह रही हमसे ये तनहाई मे डूबी शाम छलकने दे आंखों से अश्कों के भरे जाम बड़ी ग़मज़दा हयात है
Read Moreजो वक़्त की बिसात पे तू हौसले बिछाएगा फ़लक नही है दूर फिर सितारे तोड़ लाएगा आँधियों के वेग में
Read Moreक्यों माई मुझे अब बुलाती नहीं है क्या तुझको मेरी याद आती नहीं है बड़ी बेरहम है शहर की ये दुनिया
Read Moreबदल गये चेहरे लोगों के बढ़ती गई गलतफहमियाँ लड़के की चाल मतवाली कानों में पहने बालियाँ लडकियों ने लगाई बुलेट
Read More01- वे- राष्ट्र भाषा के सच्चे प्रचारक हैं इसीलिए अपने बच्चों को कान्वेंट से लेकर आ रहे हैं। 02- उनका
Read Moreगरीबी से बढ़कर सज़ा ही नहीं है सुकूँ चार पल को मिला ही नहीं है कहाँ ले के जाऊँ मैं
Read Moreतेरी निगाहों की तपिश पाकर, मोम बनकर पिघल जाती हूं मैं। तेरी बाहों के आगोश में आकर, खुशबू से बिखर
Read Moreतेरे लबों पर बिखरे तबस्सुम की तरह, रात एक पहेली है मेरी खातिर। समझ न सकी तेरी बेरुखी की वजह,
Read Moreअज्ञानता दूर करके गुरुजी ने, ज्ञान की ज्योती जलाया है । गुरु जी के चरणों में रहकर, हमने सब शिक्षा
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