आजादी का प्रतिफल
कविता -: आजादी का प्रतिफल •••••••••••••••• पराधीन था अपना देश शोषित थे अपने लोग विवशता के आगोश में जकड़े हुए
Read Moreकविता -: आजादी का प्रतिफल •••••••••••••••• पराधीन था अपना देश शोषित थे अपने लोग विवशता के आगोश में जकड़े हुए
Read Moreकही नज़रो के वो इशारे कहाँ हैं मिले ग़म में हमको सहारे कहाँ हैं छुपाते हो दिल में कई राज़
Read Moreमेरे हिंदुस्तान की शान है तिरंगा, मेरे देश का अभिमान है तिरंगा। सजदे में इसके झुकती है दुनिया, हर हिंदुस्तानी
Read Moreचमन के फूल हम सारे, हमारा देश न्यारा है | हमारी भूमि में शामिल, परम इतिहास प्यारा है || हिमालय
Read Moreकुछ यूँ मुहब्बत कर लो ,कि नफ़रत जल-जल के ख़ाक हो जाये.. कुछ यूँ इबादत कर लो,कि मन्दिर-मजजिद एकमत एक-विश्वास
Read Moreमाना कि हमें गांव आना तो था मुन्ने को साइकिल दिलाना तो था मुन्नी को झूला झुलाना तो था तुम्हारे
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