भाषा का डॉक्टर
भारत में धर्म की कोई कमी नहीं ! यहाँ लोगो को रोटी चाहिए ! विवेकानंद कहिन । ×××× मज़हब वही
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Read Moreविभीषण तो धर्मात्मा थे, किन्तु लंकाधीश रावण की नज़र में ‘गद्दार’ थे; गद्दार के लिए अपनी-अपनी नजरिया, जो कि व्यक्तिनिष्ठ
Read Moreक्या यह सच है, ‘कांग्रेस’ एक धर्मविशेष के प्रति तुष्टिकरण रवैये अपनाए हुए हैं ? ×××× क्या यह सच है,
Read Moreएक और मगध सम्राट ‘नंद’ कुमार के साम्राज्य को ढहाने को ‘चाणक्य’ (नियोजित शिक्षक) ने चोटी खोल (हड़ताल का हड़कंप)
Read Moreअविश्वसनीय सा लगता है पर भ्रष्टाचार का दीमक हर ओर पहुँच ही जाता है, अब क्या क्या, कहाँ कहाँ बताऊँ
Read Moreबचपन सबका हँसकर बीते,यह ही बस चाहत है, नहीं रहे वंचित कोय बच्चा,यही मेरा अभिमत है। पालन-पोषण,शिक्षा,शैशव,सब कुछ अब मोहक
Read Moreहो उत्साहित खूब धूमधाम से इक बार,,, फिर से सभी ने है दीपावली का पर्व मनाया! जला के दीए और
Read Moreमां बनते ही हर महिला, जाति-विहीन हो जाती है! शूद्र-क्षेत्रीय-ब्राह्मण-वैश्य बन रोज़ाना नित नई भूमिका वो निभाती है!! पालन
Read Moreआंकलन तेरा, तेरे बग़ैर तेरा जब भी किया सारी कमियों को, नजरअंदाज मन ने कर दिया बिना मेरे कहे ही
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