चुमकी चिड़िया – बाल कविता
भोर खिली, सूरज मुस्काया देख-देख अंबर हर्षाया चुमकी चिड़िया जाग गयी है सारी सुस्ती भाग गयी है उसकी माँ
Read Moreभोर खिली, सूरज मुस्काया देख-देख अंबर हर्षाया चुमकी चिड़िया जाग गयी है सारी सुस्ती भाग गयी है उसकी माँ
Read Moreमोची एक था रोज बनाता, जूते सुंदर और मजबूत, पर पैसे कम मिलते थे तो, बनते जूते जोड़ी एक. मोची
Read Moreएक गांव के पास ताल में, सारस एक रहा करता था, दिन भर पानी में रहता था, खुश सबको करता
Read Moreमोहन अपना छोटा बछड़ा, एक दिवस ले खेत गया, इधर-उधर वह लगा खेलने, खेलते-खेलते चौंक गया. मक्खी एक बड़ी तेजी
Read Moreदिन भर खेलता खूब मुरारी, कभी न पढ़ता-लिखता था, इधर-उधर घूमा करता वह, काम न कोई करता था. एक बार
Read Moreए जी स्वेटर नीला है- (2) तेरी कमीज का रंग प्यारे चुन्न-मुन्न पीला है- (2) दो आम दशहरी हैं-
Read Moreफूल हैं खिलते रंग-बिरंगे, मौसम होता है जब अच्छा, दिल सबका खुश होता देख के, लाल गुलाब का प्यारा गुच्छा.
Read Moreएक पेड़ के नीचे बैठा, हाथी था एक बहुत बड़ा, उसे सोच में बैठा देखकर, बंदर झट से बोल पड़ा.
Read Moreची-ची करती आयी चिड़ियॉ कॉव-कॉव करते कौआ गूटरू गूँ करते कबूतर रिपू-रिपू तोता बागो मे कोयल की कूँक पक्षीयों के
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