संस्मरण – अच्छे साहित्यकार नहीं, अच्छे व्यक्ति बनिए
बाबा नागार्जुन की इतनी स्मृतियाँ मेरे मन और मस्तिष्क में भरी पड़ी हैं कि एक संस्मरण लिखता हूँ तो दूसरा
Read Moreबाबा नागार्जुन की इतनी स्मृतियाँ मेरे मन और मस्तिष्क में भरी पड़ी हैं कि एक संस्मरण लिखता हूँ तो दूसरा
Read Moreसंस्मरण “अच्छे साहित्यकार नहीं अच्छे व्यक्ति बनिए”—(चित्र में- (बालक) मेरा छोटा पुत्र विनीत, मेरे कन्धे पर हाथ रखे बाबा नागार्जुन
Read Moreमुझे इस बात से कहाँ इंकार है कि तुम मेरी नब्ज़ों का तरन्नुम बन गए थे, उन दिनों, मैं किस
Read Moreमुझे आज भी वे दिन याद हैं जब गर्मी की छुट्टियों में मुंबई से मेरे बड़े ताऊ जी – ताई
Read More“दीदी, रमैया कल से काम पर नहीं आएगी अब वह 15 दिन के बाद ही वापस काम पर आएगी।” मेरे
Read Moreमैं नोयडा में हूं। नोयडा, विकास के पैमाने पर विकसित है, यह पैमाना पश्चिम का है। इन दिनों इस विकास
Read Moreबात उस समय की है जब मैं कक्षा नवीं दसवीं की छात्रा रही होंगी। मेरे मामा जी रोहतक हरियाणा में
Read Moreसफेद सूट, लंबे-लंबे सफेद बाल, गोरा रंग, चमकता चेहरा, माथे पर तेज, आवाज में मिठास, हर बात पर मुस्कुराहट, हम
Read Moreआजादी से पहले देश के एक ओ भी नेता थे जिन्होंने अपनी जान पर खेल कर गुलाम देश को आजाद
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