ग़ज़ल
अभी मेरी किसी दिल में समाने की तमन्ना है।किसी पर प्यार अपना ही लुटाने की तमन्ना है।। मिले जो दर्द
Read Moreउम्र गुज़री है जिसकी सरमाई मेंमौत भी आए उसके परछाई में ! अक्सर हम सोचते हैं तन्हाई मेंतुम बस गए
Read Moreबरसों गुज़र चुके हैं मैंने तेरा चेहरा नहीं देखा,नींद तो आती है मगर ख़्वाब दुजा नहीं देखा।किनारे से अंदाज़ए तुफ़ां
Read Moreपैदा क्यों होते नहीं, भगत सिंह से वीर,माटी अब भी पूछती, कब जागेगी पीर? स्वप्न सिसकते रह गए, कहाँ गई
Read Moreस्वारथ हित है मुन्ना पाला, स्वारथ की ही मुनिया है।स्वारथ के हैं संगी-साथी, स्वारथ की ही दुनिया है।।स्वारथ ही है
Read Moreऔर अविचल स्थिर ,एक टक में मूरत,पत्थर की तरह ,अविचल स्थिर ,एक टक निहारता ,तुम को तुम आती ,हवा की
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