ठी जो आंख भारत पर
उठी जो आंख भारत पर, उसे इतना गिरा देना।चिरागों से नहीं डरते, मशालें हम, सुना देना। सुहागिन हो गई विधवा,
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Read Moreजी में आता है के अब तर्क़ मुहब्ब्त कर दूं,ख़त तेरे सारे ही, हवाओं के हवाले कर दूं, तकाज़ा ए
Read Moreनर-नारी वे धन्य हैं, जिएं सहित अनुराग।आन मान सम्मान का,जागे नवल सुहाग।। जीवन वह जीवन नहीं,बजे फटा ज्यों ढोल,काँव-काँव करता
Read Moreसदा जीत का दम रखते हैं।मन में राष्ट्र प्रथम रखते हैं। सभी समस्याएँ निपटालेंअपने को सक्षम रखते हैं। शासन –
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