हमने देखे हैं
दर्द आशोब के मंज़र भी हमने देखे हैंआग में जलते हुए घर भी हमने देखे हैंसाथ रहते हुए मासूम –
Read Moreदर्द आशोब के मंज़र भी हमने देखे हैंआग में जलते हुए घर भी हमने देखे हैंसाथ रहते हुए मासूम –
Read Moreजाने हों,अनजाने, अच्छे नहीं लगते ।।बिना वजह ताने, अच्छे नहीं लगते ।। यादों की शहनाइयां बजती हों उनकी दिल में,तब
Read Moreमालुम न था के आँखों से होगी कभी बरसात बहुत।वो रुठ गया, पता न था, याद आयेंगे लम्हात बहुत। अनजान
Read Moreजिंदगी के कुछ पन्ने जो रह गए बिन पढ़े,सीखो लेखन का हर सलीक़ा, किताबों से। दबी है कुछ कर गुजरने
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