गीतिका/ग़ज़ल

गीतिका/ग़ज़ल

दोहा गीतिका – गंगा यमुना सरस्वती

गंगा यमुना सरस्वती, प्रियल त्रिवेणी धार।अग-जग को नित तारती,करती जन उपकार।। महाकुंभ मेला लगा, तीरथराज प्रयाग,मन मैला अघ ओघ से,मन

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