गीतिका/ग़ज़ल महेंद्र कुमार वर्मा 07/05/202507/05/2025 0 Comments छूट गया दिल ही तो था टूट गया ,अपने हाथों छूट गया। जिस नसीब पे नाज रहा ,वही राह में रूठ गया। Read More
गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 07/05/202507/05/2025 0 Comments ग़ज़ल खुद को खुद में रहने दो,थोड़ा- बहुत विचरने दो।लोग कहां पहचानेंगे,चेहरा उसको रंगने दो।खुशबू जिसमें बसती है,उसको जरा महकने दो।सूरज Read More
गीतिका/ग़ज़ल प्रीती श्रीवास्तव 07/05/202507/05/2025 0 Comments ग़ज़ल मेरा नहीं तो दिल का कहा मान जाइए।दिल की किताब हर किसी को मत पढ़ाइए।। बदनाम हो न जाएं कहीं Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. मंजु लता Noida 04/05/202504/05/2025 0 Comments ग़ज़ल घर क्या छुटा दर-ब-दर हो गएपराए क्या अपने भी दूर हो गए गांव अब शहर होता चला गयालोगों के भोलेपन Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 03/05/202503/05/2025 0 Comments ग़ज़ल सभी झूमते और गा कर चले हैं।खुशी आज हम तो मना कर चले हैं।। इधर आँख कोई उठाये न अब।कसम Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. ओम निश्चल 03/05/202503/05/2025 0 Comments ग़ज़ल प्लेटफार्म पर एक झलक दिखला कर चली गईजैसे कोई उदासी हाथ हिला कर चली गई। कुछ चहका कुछ महका मन Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 02/05/202502/05/2025 ग़ज़ल हाल-ए-दिल सबको सुनाने की ज़रूरत क्या हैअश्क सरेआम बहाने की ज़रूरत क्या है ताल्लुक बोझ लगता हो तो आओ तोड़ Read More
गीतिका/ग़ज़ल अरुण शर्मा साहिबाबादी 01/05/202502/05/2025 ग़ज़ल जनम दिन पे मां आई मुझको बुलाने,मुझे मेरे बचपन के सामां दिखाने। मुझे मां चली फिर नज़र से बचाने,मुझे काला Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. महेन्द्र अग्रवाल 01/05/202501/05/2025 ग़ज़ल आंख खोली दर्द झेले हैंदेख लो कितने अकेले हैंआंसुओं के रंग मत देखोहादसों के साथ खेले हैंउम्र गुज़री तो समझ Read More
गीतिका/ग़ज़ल बलविन्दर ‘बालम’ 01/05/202501/05/2025 ग़ज़ल – चिड़िया किधर गई शाम सवेरे आती थी वह चिड़िया किधर गई। गीत खुशी के गाती थी वह चिड़िया किधर गई। गहरा अपनत्त्व बना Read More