गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 07/05/202407/05/2024 0 Comments ग़ज़ल दस्तकों के दिन गये धक्के लगाना सीख लो छोड़कर सज़दे में रहना सिर उठाना सीख लो। एक पत्थर ताल को Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 06/05/202406/05/2024 ग़ज़ल दीदार क्या हुआ तेरा धड़कन मचल गईकितना सम्हाला लेकिन नज़र फिसल गई। कुछ इस तरह आपका अंदाज ए बयां हैहम Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. ओम निश्चल 05/05/202405/05/2024 ग़ज़ल नफे-नुकसान का बंधन नहीं थाये दिल व्यापार का साधन नहीं थाबिका करता था यों तो कौड़ियों मेंमगर निर्लज्ज विज्ञापन नहीं Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 05/05/202405/05/2024 ग़ज़ल ग़म नहीं गर भला सा मुकद्दर न हो। दिल के अन्दर मगर कोई भी डर न हो। सच कहे कौन Read More
गीतिका/ग़ज़ल शिव सन्याल 04/05/2024 नहीं चाहिये ऐसा जीवन नहीं चाहिये ऐसा जीवन, जिस में नहीं है प्यार भरा। नफरत करता फिरता हो, मन में रहा हो खार भरा। Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 03/05/202403/05/2024 ग़ज़ल एक बिन्दु आर का एक बिन्दु पार काचाहते मिलन मगर रेख-पथ न प्यार का प्यार का निबाह भी है मिज़ाज Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 02/05/202402/05/2024 ग़ज़ल सून यही तस्वीर ही सबको दिखा रक्खी हैपर मुहब्बत ही ज़माने से छुपा रक्खी है मयक़दा – सा हुस्न तेरा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. मनोज श्रीवास्तव 02/05/202402/05/2024 गीतिका शाख से टूटे हुए पत्ते बताते हैं व्यथाकल हमारे दम से रौनक थी इसी गुलजार में और सूखे फूल भी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 02/05/202402/05/2024 ग़ज़ल कर इबादत फ़क़त इक ख़ुदा के लिए। हाथ अपने उठा फिर दुआ के लिए। अपने रब की सदा ही रज़ा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. डी एम मिश्र 02/05/202402/05/2024 ग़ज़ल जो तुझे भूल गए तू भी उन्हें याद न करऐसे लोगों से कभी कोई भी फ़रियाद न कर ऐसी बंदिश Read More