ग़ज़ल
देख हर कोई यहाँ नादान है।ज़िंदगी से रख सके पहचान है। बात छोटी पर परेशानी बढ़े।वे न लेते तब मगर
Read Moreगीत गजल दोहे चौपाई भटक रहे हैं मन मरुस्थल मेंकिस से पीर बताई जाए यह भी गायब वह भी गायबमंच
Read Moreगलियों में तेरी क़दम रखूंगा न कभी मैं भीअहद से अपने जो मुकर जाओ किसी दिन।ये तिशनगी बुझने का नाम
Read More