गीत
प्रतिभा-प्रतिष्ठा में प्राण। जाग उठा है हिन्दुस्तान। ममता क्षमता समता प्रबल। जैसे बहता निर्झर निर्मल। स्वतंत्र-गणतंत्र की
Read Moreकहाँ कहा कब हमने यह कि, हम पर विपदा भारी हैकहाँ कहा कब हमने यह कि, जीवन की दुश्वारी है
Read Moreप्रीत मीत की बड़ी निराली, रीत यार की है दिल वाली।। करलो यार प्रेम की पूजा, ये ही स्वर्ग दिलाने
Read Moreहे बसंत ऋतुराज तुम्हारा , स्वागत करते आओ आज । हर क्यारी में आकर तुम अब , सजते करते ही
Read Moreखिड़की खुलतीजब अतीत कीबासी हवा महकने लगती। कंचा-गोलीआँख मिचौलीकागज की वह नाव चली।ग्रामोफोनरेडियो बजतेयहाँ वहाँ पर गली- गली।। ऊँची कूदकब्बड्डी
Read Moreरीझ गया है कोकिल का मन।देख लिया कुसुमाकर – दर्पन।। कुहू – कुहू की टेर लगाती।विरहिन के उर पीर जगाती।।बहती
Read Moreलोक फेल है, तन्त्र फेल है, कल पुर्जे और यन्त्र फेल हैं, स्वागत है गणतंत्र में अपने, बड़े बड़े यहाँ
Read Moreनारी तू नारायणी, तू आधार जगत का है, वरदान है तू वरदायनी, नारी तू नारायणी। . नारी तू नारायणी, तुझसे
Read Moreराम आए हैं, आए हैं, राम आए हैं, आए हैं, राम आए हैं, आए हैं, राम आए हैं। राम आए
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