मुक्तक
(1) मिला संग तुम्हारा हम निखरने लगे, जब से देखा तुम्हे हम संवरने लगे। जर्रे जर्रे से खुशबू आने लगी, हवाओं
Read Moreकाटोगे तो जिंदगी बस, ये केवल बोझ लगती हैजीने जो लग जाओ तो, जिंदगी ये मौज लगती है।फिक्र फेंक दो
Read Moreतप से हरदम बल मिले,मन हो जाता शांत। बिखरे नित नव चेतना,रहे नहीं मन क्लांत।। तप में होती दिव्यता,मिलता है
Read Moreकाले धन से बित रही, जिनकी हरेक रात होती हरेक दिन वहाँ, सुख की ही बरसात मतलब के सब यार
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