दोहे
जिसको देखो दिख रहा, आज नशे में चूर ।। नश्शा वो भी नकचढ़ा, जिसका नाम गुरूर ।। आत्ममुग्धता में रहे,
Read Moreइंद्रिय वश में रख सदा, होगी जग में जीत।मुख-मंडल का तेज बढ़े, संयम से हो प्रीत।। आकांक्षाओं के भार से,
Read Moreयुवा, नशा, नाश, अंजान, तन युवा नशे में चूर हैं, अभी न उनको ज्ञान।नशा नाश उनका करे, इससे वो अंजान।।
Read Moreसुरा सुरों का साथ निकट का,लगें दंपती नेक।सुर से सुरा विलग हो कैसे,सोचें सहित विवेक ।।जोगीरा सारा रा रा रा
Read Moreउगता हर दिन सूर्य ज्यों, ऐसे उठिये आप। मन से कसरत कीजिए , करो नहा के जाप।।
Read Moreसूरज आतिश बन गया,तपे नगर औ” गाँव । जीव सभी अकुला उठे,ढूंढ रहे सब छाँव ।। लू का तो आक्रोश
Read Moreदेवि महामाया सुवन, नृप शुद्धोधन तात। जन्मा शिशु सिद्धार्थ था, लेकर नवल प्रभात। जन्मे गौतम गोत्र में, पाया गौतम नाम।
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