प्रयागराज का पर्व
गंगा, यमुना, सरस्वती, करती जीवन तार।संगम की हर बूंद में, मिलता शुभ संसार।। साधु-संत का मेला ये, लाए पुण्य विचार।हर
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Read Moreपरख पारखी की खरी, चुन चुन करें बखान।कीचड़ से मोती चुने, हीरे के गुण जान।। खोट भरा कितना कहाँ, जाने
Read Moreसंसद में मचता गदर, है चिंतन की बात।हँसी उड़े संविधान की, जनता पर आघात।। भाषा पर संयम नहीं, मर्यादा से
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