द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी
तुम महामंत्र, पावन सुधा सी तुम हो जीवन की संजीवनी । योग साधना में हुई लीन जब कहलाई तुम माँ
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Read Moreमातु शारदे नमन् कर रहा,तेरा तो अभिनंदन है। ज्ञानमातु,हे हंसवाहिनी!,बार-बार पग-वंदन है।। वाणी तुझसे ही जन्मी है,तुझसे ही सुर बिखरे
Read Moreजगमगाता दीप मैं बन सकूं, हर हृदय में स्नेह मैं भर सकूं । प्रीति की रोशनी हर किसी को दे
Read Moreरूमक-झुमक आओ माता रानी, आओ जगदंबे, महिषासुर मर्दिनी, पूजा-अर्चना, करुं विधिवत प्रार्थना, जगत कल्याणी, माँ शक्तिदायिनी।। माँ अति कठोर हो
Read Moreहे गणेश गणपति गजानननमन मेरा स्वीकार करो,हमारी भूल बिसारकर अबआमंत्रण मेरा स्वीकार करो।रिद्धि सिद्धि को संग अपनेमूषक वाहन पर हो
Read Moreहे प्रथम पूज्य गौरी गणेशतुम तो हमको हो अति प्यारे,हम अज्ञानी नादान सहीपर तुम्हें पूजते हैं प्यारे,आता नहीं हमें तो
Read Moreहे गणदेव गजानन गणेश, विघ्नहरण हो तुम दाता, तुम ही गुरु हमारे हो प्रभु, तुम ही बंधु-पितु-माता. सबसे पहले पूजन पाते,
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