क्षणकायें
जिस चेहरे को चाँद कहा करते थे नूर क्या ढला चाँद के दाग नज़र आने लगे मोहब्बत थी उन्हें चेहरे
Read Moreजय जय जय महादेव शंभू देवाधिदेव शंकरा,नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं देवाधिदेव दिगंबरा । प्रचंड हो अखंड हो दुष्टों के लिए मृत्युदंड
Read Moreसावन के इस हसीं सफर मेंकुछ पल तो आ जाओं नामेरा क्या है मैं उदास हूंतुम तो मगर मुस्काओं ना
Read Moreसामाजिक रीति रिवाजों को छोड़जिसने भी की जरूरत से ज्यादा चतुराई,तो समझ लीजिए उनकी नीयत में है ढिठाई,वह सत्य की
Read Moreप्रेम नहीं केवल है तुमसे, छाया तुम्हारी प्यारी है। साथ भले ही, नहीं रहो तुम, तुमसे हमारी यारी है।। वाद-विवाद
Read Moreखुद ही खुद के साथ रहेंगे नहीं किसी से प्रेम चाहिए, खुद ही खुद से प्रेम करेंगे। साथ में साथी
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