चुभें ऑलपिन-सा सदा
बहरूपियों के गाँव में, कहें किसे अब मीत।अपना बनकर लूटते, रचकर झूठी प्रीत॥ भाई-भाई में हुई, जब से है तकरार।मजे
Read Moreबहरूपियों के गाँव में, कहें किसे अब मीत।अपना बनकर लूटते, रचकर झूठी प्रीत॥ भाई-भाई में हुई, जब से है तकरार।मजे
Read Moreदिल पर चाहतों का वो असर मुझ सा नहीं होगा मिलेंगे लाख तुमको कोई मगर मुझ सा नहीं होगा भले
Read Moreन कहना अलविदा ,इस बीते साल को याराकोसना कभी नहीं दिल से बदहाल को यारा जो बीत गया उस को
Read Moreइज्जत और सम्मान,झुके हुए सर का परिणाम है।इसकी वजह से ही,दुनिया में मिलता है,हम कहते मान-सम्मान है। इसकी सोहबत बड़ी
Read Moreकितने युद्ध मंथनकितने क्रूर लांछनकितने क्षणिककितने लाक्षणिकहै तुम्हारा ठहराव! आना जाना तो हैजगत का रीतदंगल, हल्ला बोल,बवाल चुनाव मेंगया साल
Read Moreये रीत के ठेकेदारों नेनिज स्वार्थ को नियम बनाये।हर ठौर में विपरीतभिन्न-भिन्न के विधि लगाये।भर्ता के प्राण हरण परजगत में
Read Moreजो जितना साथ चला उसका उतना ही धन्यवाद,जो ईष्या से जला उसका भी उतना ही धन्यवाद,जिन्होनें दी शुभकामनाएं उनको भी
Read Moreअपनों की हार पर वे उग्र हो जाते हैं,जातियता से बाहर आ लेख नहीं दे पाते हैं,बाबा साहब ने ब्रिटिशों
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