मकर संक्रांति
तेरह या चौदह जनवरी कोसूर्य उत्तरायण हो जाता।भारतीय संस्कृति में यह दिनपर्व ‘मकर संक्रांति’ कहाता। इसको ‘खिचड़ी पर्व’ भी कहतेखिचड़ी
Read Moreतेरह या चौदह जनवरी कोसूर्य उत्तरायण हो जाता।भारतीय संस्कृति में यह दिनपर्व ‘मकर संक्रांति’ कहाता। इसको ‘खिचड़ी पर्व’ भी कहतेखिचड़ी
Read Moreधन बिन अपना कोई न यहाँ पर, संबन्ध भी धन की माया है।धन ही गणित में, धन ही जगत में,
Read Moreमुमकिन है कि वह कहीं देख ले मुझको।उसकी गली में उसी का पता पूछ रहा हूं ।जानता हूं मैं हथेली
Read Moreबहरों की नगरी मेंशोर मचाना जरूरी है,देख के भी नजरअंदाज करे तोनजारे दिखाना जरूरी है,दया,प्रेम,दुख,क्रोध भरा हैभावनाएं बताना जरूरी है,कहने
Read Moreजीवन क्या है रास्तों पर भटकता राही,यहाँ सराय में ठहरा मुसाफिरचार दिन की जिंदगी,चार कंधों पर यूँ ही चले जाना
Read Moreनया साल नया पैगाम लायानफ़रत के बगीचे मेंमहोब्बत का गुलाब खिलाया।छोड़ चुके हैं जो हमेंउनको भी हमारामुस्कुराना याद आया।जलते हैं
Read Moreहों स्वप्न सभी साकार आपकेनये साल में ! घर बाहर सूरज समृद्धि कीकिरणें बरसाएंसन्ध्यायें सुख-सुविधाओं केमंगल दीप जगायें स्वागत के
Read Moreचंद हाइकु 1. चुप रहना कुछ मत कहना कर दिखाना। ———– 2. अकेला तू ही बदलेगा दुनिया शुरु तो कर।
Read Moreसमय जौहरी कर रहा, परख समय की नित्य।समय सदा लगता मुझको, मानो ज्यों आदित्य।। बनो जौहरी नित करो, बुरे-भले में
Read Moreहँसना अच्छा है हँसिए हँसिए खूब हँसिए खुद पर हँसिए दूसरे पर हँसिए हँसी की बात पर हँसिए जहाँ मौका
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