स्वप्नों की निर्झरिणी
सुख में स्वप्नों की निर्झरिणीचंचल चप्पल चतुर कोई हिरणी देखो मन मयूर का क्रंदनजन्मों जन्मों का यह स्कंदन यात्रा नहीं
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Read Moreविष्णु ने काटा असुर सिर,सिर गाड़ दिया मंदराचल परजीत सभी संक्रान्ति पर्व मनाये,रवि उत्तरार्द्ध होकर मकर जाए । चीनी की
Read Moreआज कितना बदल गया बच्चों का खेलआनलाईन विडियो गेम बना दिया घर को बच्चों का जेल।वो भी क्या दिन थे
Read Moreजन जीवन खुश हो रहा, हर्षित हुआ अनंग।संक्रांति, लोहड़ी मने, खुशियाँ छाई अंग।। मकर संक्रांति ये कहे, रहो सजग तैयार।हृद
Read Moreहंसवाहिनी माँ सरस्वती, विराजो हृदय में भगवती, ज्ञान दीप आलोक भर दो, विद्या धन दो माँ भारती।। कोकिल कंठ सुर
Read Moreबचपन से शौक था उसे पढ़ने का,नई इबादत गढ़ने का,हरपल आगे बढ़ने का,हर परिस्थिति से लड़ने का,मगर समय निकलता गया,चुनौतियां
Read Moreहम उन्हें चाहे वो भी हमें चाहें ज़रूरी तो नहीं।बाली है उमरज़ुबाने इश्क़ समझें ज़रूरी तो नहीं। दिल में रहती
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