मैं लिखता रहा
मैं लिखता रहालिख-लिख मिटाता रहा । वक्त ने सतायामैं सहता रहाकाल के माथ परलिखता रहालिख- लिख मिटाता रहा । कभी
Read Moreमैं लिखता रहालिख-लिख मिटाता रहा । वक्त ने सतायामैं सहता रहाकाल के माथ परलिखता रहालिख- लिख मिटाता रहा । कभी
Read Moreसाहित्य न बिकता है, न झुकता है,वह तो भीतर की लौ में सुलगता है।ना नाम के पीछे, ना दाम के
Read Moreज्ञान से जिंदगी संवारती हैं,ज्ञान से रौशनी बिखरती हैं।ज्ञान इंसानियत की हैं पहचान,शैतान को बना देता हैं इंसान।न सिर्फ किताबों
Read Moreलगता है अब चुक गया हूँ। संघर्ष से अब थक गया हूँ।। क्रोध अब आता नहीं है। गान कोई भाता
Read Moreहां लड़ाकू हूं,लड़ते आया हूं अभी तक,बिल्कुल नहीं हूं कमजोर क्योंकि,प्रेम और अहिंसा का पाठपढ़ाया जाता है कमजोरों को,किया जाता
Read Moreदिन बीत जाते हैंमगर नहीं बीततावह लम्हाजो हमें अपने ईश के समीप ले जाता है। अवधि बीत जाती हैमगर नहीं
Read Moreलिखना था कुछ कुछ मगर लिखना पड़ासच जिन्दगी का मेरी ये हादसा था बड़ाकलम भी लरज़ कर देखने लगा मुझेजब
Read Moreबेचारा पौधा एक,फोटो में पच्चीस लोग। किसी ने पकड़ा गमला,तो किसी ने थामी टहनी,किसी ने मुस्कान ओढ़ी,तो किसी ने झलकाई
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