लेख

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

हमें अपनी आत्मा व इसके स्वरूप को जानने का प्रयत्न करना चाहिये

ओ३म् हम मनुष्य हैं। हमारे पास मनन, चिन्तन, विचार, ध्यान व सत्यासत्य का निर्णय करने के बुद्धि है। इन साधनों

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लेखसंस्मरण

अधिवक्ता और प्रवक्ता ‘प्रद्युम्न’ के साथ

श्री प्रद्युम्न ओझा सर पेशे से अधिवक्ता हैं, किन्तु उनसे मेरा आकर्षण उनमें निहित जानकारी और विचार-बिंबता को लेकर है

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ईश्वर की उपासना मनुष्य का प्रमुख आवश्यक कर्तव्य क्यों हैं?

ओ३म् मनुष्य के अनेक कर्तव्य होते हैं। जो मनुष्य अपने सभी आवश्यक कर्तव्यों का पालन करता है वह समाज में

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