व्यंग्य – बिना अखाड़े सेहरा पाया
अखाड़ा बना , न नगाड़ा बजा न मैदान में प्रतिद्वंद्वी का मजा, न कोई किसी से लड़ा या भिड़ा, पर
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Read Moreवे जमाने चले गए ,जब हम डर -डर कर जीते थे।अब हम पूरी तरह से निडर हो गए हैं। अब
Read More12 घंटे से बिजली गायब कि सुबह से बिजली गायब है, माँ ने संझा-बत्ती दे दी है, अभी भी बिजली
Read Moreआज कॉलोनी में सुबह-सुबह जैसे ही एक प्रश्न गूँजा- “पप्पू पास हो गया?” प्रत्युत्तर में मानो कॉलोनी में कोरस सा
Read Moreआपदा में भी अवसर की तलाश करते रहना चाहिए। एक ओर कोरोना की दूसरी लहर ने भयंकर उत्पात मचा रखा
Read Moreअथ श्री ‘मुखचोली पुराणम’ प्रारभ्यते । आधुनिक युग का मानव इतना अधिक ‘विरस’ (VI RUS) अर्थात रस विहीन हो गया
Read Moreऐसे भी लोग हैं, जो दूसरों को कभी नहीं खिलाते हैं, पर दूसरों से खाने के चक्कर में उनकी शादी-ब्याह
Read Moreअरे!आप जानते नहीं दुनिया का हाल।आगे से मराल पीछे से काग।ये दुनिया है ही ऐसी। जैसी बनाई प्रभु ने वैसी।जहाँ
Read Moreसोना कम से कम लोगों के पास कम से कम मात्रा और अधिक महत्त्व की वस्तु है। संभवतः इसीलिए उसका
Read Moreकहा जाता है कि ‘मानव पहले पशु है ,बाद में मनुष्य।’ किन्तु मुझे इसके ठीक विपरीत ही प्रतीत होता है।अर्थात
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