ये बचाने वाले लोग !
…कुछ लोग “बचाओ-बचाओ” के शोर के साथ मेरी ओर बढ़े आ रहे थे…उत्सुकतावश मैं अपने आगे-पीछे, दाएँ-बाएँ देखने लगता हूँ
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Read Moreआर्यावर्त नामक एक लोकतांत्रिक चरागाह थी . यहाँ खूब हरी- हरी घास उगती थी . इस चरागाह में अभिव्यक्ति की
Read Moreकानपुर की ओर जा रही बस पर मैं चढ़ लिया। बस की साठ परसेंट सीटे भरी थी। एक खाली सीट
Read Moreअक्सर कुछ शब्द उन्हीं शब्दों से जुड़ी बात और उन्हीं बातो से जुड़े लोग मात्र हँसी के पात्र बनकर रह
Read Moreअब तो न दिन को चैन आता है और न ही रात को नींद आती है। इस आलम में कुछ
Read Moreपहले राजा लोग आलरेडी ईश्वर के अंश होते थे, इसलिए इनका किया-धरा आटोमेटिक “राजधर्म” हो जाता था..! कारिंदों के साथ
Read Moreक्या पता जब न्यूज चैनल नहीं थे तब हमारे सेलिब्रिटीज जेल जाते थे या नहीं… लेकिन हाल – फिलहाल उनसे जुड़ी
Read Moreकभी – कभी ईश्वर से भी भयंकर भूल हो जाती है I ईश्वरीय लापरवाही के कारण भगवान के कारखाने में
Read Moreक्या पता महाभारत काल में धृतराष्ट्र पुत्र दुर्योधन को अंधे का पुत्र अंधा… जैसा संबोधन कहने के बाद उत्पन्न कटुता
Read Moreमहान दार्शनिक सुकरात ने कहा था- ‘जो व्यक्ति मूर्खता करने बाद अपने आप को मूर्ख माने दरअसल वो सबसे बड़ा
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