व्यंग्य- चलो, फुर्सत हो गई अब मर जाओ
एक समय था, जब आदमी कहता था कि मरने की फुर्सत नहीं है, आदमी का ये जुमला सुन कर ही
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Read Moreजीवन का हर पक्ष रुका सा हुआ है देखकर अच्छा लगता है। एक तनहाई सी छाई हुई है चारों ओर
Read Moreनानी की एक बतकही बचपन में जब मुझे चमकी बुखार होते तो बकरी दूध की पट्टी ‘सिर’ पर चस्पाने, हटाने-चस्पाने
Read Moreसत्ता तो कलाकार होते ही हैं ! पर हम जनता कबतक बुड़बक रहेंगे !
Read Moreदूध की भगौनी (कहानी) ——— लॉक डाउन में ऑफिस बन्द होने के कारण मोना घर पर फुर्सत में ही
Read Moreयोग एक जीवन शैली वर्ष 2014 में भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के
Read Moreओ३म् मनुष्य का आत्मा चेतन, अनादि एवं एक अल्पज्ञ सत्ता है। परमात्मा ने मनुष्य को ज्ञान प्राप्ति व ज्ञान में
Read Moreप्यारी प्रेयसी चन्दनी रूपी सखी वो रूपवती।। चांदनी रात बैठा चांद सा सखा मुद्रा मोहक ।। प्यार मिलन ज्यों कृष्ण
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