जिंदगी खेल नहीं
जिंदगी जीने के लिए संगत का असर देखा व्यसनों का उन्माद देखा जो उनसे दूर रहा जिंदगी को ज्यादा जिया
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Read Moreमेरी ख़ुद से लड़ाई जारी है, जो देखा है सपना कुछ कर दिखाने की, अपने माता पिता के विश्वास को
Read Moreरंगों का त्योहार और वह भी शेखावाटी अंचल के साथ तो बड़े बड़े भी उत्साह व उमंग से सरोबार हो
Read Moreआओ हम सब होली के रंग मे डूब जाएं मस्त मगन होकर जश्न मनाए तन भीग जाए मन भीग जाए
Read Moreभारतीय संस्कृति में होली के पर्व का अद्वितीय स्थान है। यह पर्व उमंग, उल्लास, उत्साह और जोश तथा मस्ती का
Read Moreहोली का रंग कितना सुहाना होता है, सब मस्त फ़िज़ा रंगीन, आम की खुशबू से फिजा महकती है। उड़ रहा
Read Moreआलोक वृद्धाश्रम में रहने वाले अपने रिश्तेदार आत्माराम से हर महीने मिलते थे। उनके बेटे द्वारा दिया गया वृद्धाश्रम का
Read Moreहोली के पांच मुक्तक 1- होली के रंग मिले जब हृदय खिलने लगे फाग का छिड़ा राग बाल युवा मचलने
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