ग़ज़ल
मौसम जैसे बदल गए जो उन इंसानों का गम क्या अपने ही जब रहे न अपने तो बेगानों का गम
Read More1.लौट कर आजा… झरोखे से झाँका मासूम बचपन दिखा मन किया गले लगा लूं बनूं शासक उस जहान का जहाँ
Read Moreशुष्क होती जमीन पर बारिश बन बरसना बेजान होती मुस्कराहटों पर इत्र सा महकना कुछ यूं हुआ है तेरा मेरी
Read Moreनिज आँचल में फूल सँजोके पर-पथ कांटो से भर डालो और सुनाओ दुनिया वालों । सुनने को दो कान मिले
Read Moreअजब जादू भरे अश्आर के ख़ालिक़, सभी को याद है अब भी गुले नग़मा। फ़िराक़ गोरखपुरी की शायरी में गुल-ए-नगमा,
Read Moreभारत को ओलंपिक मे स्वर्ण पदक दिलवाने वाले महान और कालजयी हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के प्रति सम्मान प्रकट करने
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