प्रसन्नता स्वभाव का अंग हो
प्रसन्नता शब्द ऐसा है कि जिसकी संपूर्ण व्याख्या की ही नहीं जा सकती। प्रसन्नता सिर्फ भाव है, अहसास है,
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Read Moreलोक से जुड़ी प्रियता यानी लोकप्रियता। सामान्य सी बात है कि हर सिक्के के दो पहलू होते ही हैं।
Read Moreकुछ नहीं रखा है परिश्रम में बेकार के परिश्रम में मत उलझिए, परिश्रम करना ही तो शार्ट कट कीजिए,
Read Moreये ठीक है कि आपको बोलने की अजीबोगरीब बीमारी है मगर यह ठीक तो नहीं है बोलने से पहले कुछ
Read Moreदिल की बातें साझा करना कठिन भी तो है,आसान भी, मन की पीड़ा बाँटना मुश्किल है, क्योंकि पीड़ा के लिए
Read Moreकब से इंतजार में हम हैं वर्षा रानी कि तुम आकर सुनाओगी अपनी कहानी, पर मन मलीन होकर रह गया
Read Moreएक थी वो द्रौपदी जो गुहार लगाती, दुहाई देती धर्म, मर्यादा और रिश्तों की, फिर भी असहाय सी शर्मिंदा
Read Moreसुबह से तीसरी बार ऋचा का फोन अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका था। मगर मैं व्यस्तता के कारण उसका
Read Moreपावन सावन मंगल मय बम बम भोले शिव की जय गंगा जल गगरी में भरकर चले कांवड़िए शिव के घर
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