कविता

जय बम भोले

पावन सावन मंगल मय
बम बम भोले शिव की जय
गंगा जल गगरी में भरकर
चले कांवड़िए शिव के घर
गूंज रहा शोर चहुँदिश में
हर हर महादेव की जय जय।
बैजू बैद्यनाथधाम की जय
सोमनाथ, रामेश्वर की जय
पृथ्वीनाथ की जय बम भोले
होय भदेश्वरनाथ की जय जय
बोलें औघड़ दानी की जय जय।
दुःखहरण, नर्वदेश्वर नाथ की जय
अमरनाथ में गूँज रहा शिव
घट घट वासी महादेव की जय,
केदारनाथ और देवधर में भी
गूंज रहा है शिव शिव जय जय।
त्रयंबकेश्वर, नागेश्वर नाथ में
डम डम डमरु बाज रहा है
शिव भक्तों का हर शिव दर पर
मेला अथाह उमड़ रहा है,
श्रद्धा संग उत्साह चतुर्दिश
परम सुहावन लगता है,
कदम कदम धरती पर दिखता
शिव भक्तों का मेला है।
सावन में भोलेनाथ की
कृपा बरसती हैं सब पर
शिवभक्तों का रेला आखिर
संदेश यही तो देता है।
एक लोटा जल से भी भोले
हम पर प्रसन्न हो जाते हैं,
शीश झुका दें श्रद्धा से यदि
खुश हो भोले कृपा बरसाते हैं।
सावन मास में वातावरण
शिवमय सा बन जाता है,
जिधर देखिये सुनिए ऊधर ही
ऊँ नमः शिवाय गूँजता है
हर हर महादेव, हर हर महादेव
बम बम भोले, शिव शिव
हर मुख से यही निकलता है।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921