काश! बेटियाँ होतीं
अरे छाया! तुम यहाँ? “हाँ ज्योति, मेरा विवाह इसी शहर में हुआ है लेकिन तुम…? “मेरा भी, छाया…”, ज्योति हँसकर
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Read More“माँ ए “भूख की आग” क्या होती है?” ए क्या ऊल जुलूल सवाल पूछती रहती हो? नीलम ने रूही को
Read Moreप्रज्ञा के मन मष्तिष्क में एक ही बात बार बार आ रही थी , कि वह कुसूरवार हैं । शायद
Read Moreहमेशा की तरह आज भी सौतन बनी घड़ी ने सनम के आगोश में मुझे पाकर मुँह चिढ़ाते हुए दस्तक दी।
Read Moreमोहन के घर में एक काली गाय थी, ये गाय उसकी नानी ने मोहन की माँ को दी थी. कहा
Read Moreचिंकी आज खुश नहीं है जरा भी नहीं ..वरना सुबह के आठ बजे तक वह बिस्तर पर कभी नहीं टिकती
Read Moreसच्ची कहानी सात फेरों के बाद सात घंटे मंे हुई विधवा इंसान की जोड़ी तो उपर से बनकर आती है
Read Moreयह कहानी है राबिया अम्मा की मेरे गांव में मेरी पड़ोसी थी। तब मैं काफी छोटी थी। बात की गहराई
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