चौपाई, शांत रस,
सुनहु सखा तुम भ्राता बाली, महाबली था हुआ कुचाली नजर धरी परतिया मवाली, चहत वरण अनुजा बलशाली। सखा सहज कहती
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Read Moreतिनका-तिनका जोड़कर घोंसला बनाया सपनों का अंडों से जब बाहर निकले हर चूज़े का पेट भरा प्यार से फिर चिड़िया
Read Moreकश्मीर भारत की आन – बान ,शान है, कश्मीर पर मरता देश का जवान है । केशर की घाटी आज
Read Moreदस रोज… दस गुलाबों की तरह थे महकते हुए दहकते हुए दस रोज यादों की नीली सी डायरी में सूखकर
Read Moreचंचल रोमांच से भरपूर इठलाती हिलौरे मारतीं, अनवरत… नदी और नारी जब भी बड़ीं… रोकीं गईं । कभी … बाँध
Read Moreगली-गली में जब से गूंजी, डिस्को की आवाज, युवक-युवतियां लगे थिरकने, चमक उठे सब साज. धीरे-धीरे लगी बढ़ने जब, डिस्को
Read Moreजो देश तोड़ कर ले गये थे और पाकिस्तान बना डाले। वो चमड़ी के बेशक गौरे हों, लेकिन हैं दिल
Read Moreइंद्र धनुष की यह प्रभा, मन को लेती मोह हरियाली अपनी धरा, लोग हुये निर्मोह लोग हुये निर्मोह, मसल देते
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