अवाक अचला
अचला की आँखें निश्तेज होने लगी सारी कायनात मानो उसमें सुराख कर उसे निचोड़ लेना चाहती थी । फटे होठों
Read Moreअक्सर सुबह-सुबह वह रेडियो पर सुनता रहता था- ”सपने वो नहीं होते जो आप सोने के बाद देखते हैं, सपने
Read Moreप्यार और स्वार्थ कुछ महीनों से छवि और निलय आर्थिक तंगी के बुरे दौर से गुजर रहे थे | हर
Read More”खुश रहने के सौ बहाने हैं, किसी एक का दामन पकड़कर देखो तो सही, कितने रंगीन फ़साने हैं!” फेसबुक पर
Read Moreवह सोने की कोशिश कर रहा था परंतु उसे नींद नहीं आ रही थी। घर के सारे खिड़की दरवाजे उसने
Read Moreसंवेदना शाम को कीर्तन में ”रात श्याम सपने में आयो—–” भजन गाकर आई थी और रात तक यह भजन उसको
Read Moreआज सुबह सैर करते समय एक वृद्ध सज्जन को पगडंडी पर सैर करते देखा. उनको अकेले सैर करते देखकर मुझे
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