मुक्तक
भैया दूज की रोली है राखी का धागा है बेटियों से ही देश का सौभाग्य जागा है बेटे की चाह
Read Moreतिल खुटिया रेवड़ी मिले तापो खूब अलाव। मन चंगा है गा मेरा सरदारा घर जाव। भांति भांति के बन रहे
Read More” दीमक वाले देश में,बस कुर्सी की होड़। आरक्षण की आड़ में,पनप रहा है कोढ़।।” “आरक्षण धरना लगे, देशद्रोह सम
Read Moreदहकां के दुख दर्द का,तनिक नहीं आभास। वोटन खातिर गाँव में , झूठा करें प्रवास। जनता किस बूते करे, इन
Read Moreलगता मित्र नाराज है, कहो न मेरा दोष। दोष दाग अच्छे नही, मन में भरते रोष।।-1 रोष विनाशक चीज है,
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