दर्द
पेन का ढक्कन यदि गुम हो जाए मन बेचैन हो जाता है आमदनी कई गुना हो और सोच की दूसरा
Read Moreकोशिशें तो बहुत की हमने तुमसे दूर चले जाने की पर इसकदर तुम्हारी चाहत में मजबूर हुए चाहकर भी दुरी
Read Moreतन्हा होती हूँ जब अपने आप से बातें करती हूँ कभी सोचती हूँ कि तुम न होते तो… कोने में
Read Moreबैठी क्यों उदास सखी, घिरी खुद के बिस्तर। सौंप हाथ को तूलिका, ताक रही है ब-ख्तर। ताक रही हैं
Read Moreगरीब की आह लिखूँगी, अमीर की चाह लिखूँगी, आम जनता के लिये राजनेता हैं बेपरवाह लिखूँगी। गरीब का दर्द लिखूँगी,
Read Moreकुछ औरतो के चोटी कटने की खबर सुन—— मेरी लुगाई भी सदमे मे है। वे सोये मे भी उठ जा
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