ग़ज़ल
एक नहीं कई बार लिखे हैं जलते ,शेर,हज़ार लिखे है सुनकर जिनसे आग लग जाए कुछ ऐसे अशआर लिखे हैं
Read Moreकिसको कहते हो तुम अपना इस धरती पर कौन है अपना ? महलों में रहने वालों के अपने तो सपने
Read Moreक्या फिर लॉकडाउन होने वाला है ? क्या अनलॉक के तहत दी जा रही छूट में कटौती होने जा रही
Read More“अच्छा तो मैं चलूँ अब आरिफ़?”….बहुत देर की चुप्पी के बाद सुनीता ने पूछा सुनीता, ये हमारी आखरी मुलाकात है।
Read Moreसुनो! तुमने कहा एक बार ही सही विश्वास तो करो….. और हमने इस पर संदेह किया… सुनो! तुमने कहा एक
Read Moreहमारे बुजुर्गों द्वारा हमें हमेशा यह समझाया जाता है, कि इस शरीर को जैसा बनाओ यह वैसा ही बनता है
Read Moreजिंदगी जीने के लिए संगत का असर देखा संक्रमण का उन्माद देखा जो उनसे दूर रहा जिंदगी को ज्यादा जिया
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