कविता

गर्व से कहो हम हिन्दु हैं

गर्व से कहो हम हिन्दु  हैं

गर्व से कहो हम हिन्दु हैं

सभ्यता और संस्कृति के—

हम ही केंद्र बिंदु हैं–गर्व से कहो हम हिन्दु हैं ,

 

श्री गणेशजी की आराधना से ,

हम करते हैं शुभारम्भ हर काम

सुबह उठते ही पहले लेते हैं,

अपने इष्ट प्रभु का नाम,

राम की भक्ति हमें बनाती है मर्यादा पुरुषोत्तम,

राधा कृष्ण से सीखा ‘प्रेममय जीवन है सर्वोत्तम’,

शिव की भक्ति में मिलती है हमें अपूर्व शक्ति,

त्यागपूर्ण जीवन से ही मिलती है पूर्ण संतुष्टि ,

हमारा तेज सूर्य सा और स्वरूप में हम इंदु हैं,   – गर्व से कहो हम हिन्दु हैं.

 

भगवान श्री कृष्ण की गीता में,

निहित है जीवन का सार,

यही तो है सुखी जीवन का आधार ,

रामायण ने सिखाया है धर्मरक्षा का सबक

इसी से आई हैं दुनिया में भले बुरे की समझ,

इसमें बुराई पर अच्छाई की विजय का सन्देश है,

वेदों में अथाह ज्ञान का का समावेश है,

हर धर्मग्रन्थ का मानवता ही उद्देश्य है,

इसीलिए तो सब धर्मो में हिन्दु धर्म सर्वश्रेष्ठ  है,

सारे विश्व के हम विश्वबंधु  हैं — गर्व से कहो हम हिन्दु हैं.

 

माता दुर्गा के नव रूप यहाँ नव शक्ति के प्रतीक हैं,

माता की पूर्ण कृपा से ही सब काम होते पुनीत हैं,

कन्या रुपी कंजक का चेहरा है माँ के स्वरुप का दर्पण ,

ज्योति जलाते हैं पूजा की और हम माँ का पाते हैं दर्शन,

गंगा यमुना आर  नदियों को भी मिली है माँ की मान्यता,

प्रकृति के इस पावन स्वरुप से निखरती है हमारी सभ्यता, 

विशाल सागर की तरह हम ज्ञान के सिंधु हैं-  – गर्व से कहो हम हिन्दु हैं.

 

04/9/2014                                 ——जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया जन्म दिन --१४/२/१९४९, टेक्सटाइल इंजीनियर , प्राइवेट कम्पनी में जनरल मेनेजर मो. 9855022670, 9855047845

2 thoughts on “गर्व से कहो हम हिन्दु हैं

  • राजीव उपाध्याय

    बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छी कविता. अपने हिंदुत्व पर हमें गर्व होना ही चाहिए.

Comments are closed.