ग़ज़ल : तेरे नाम
सुबह लिख दूँ,कि शाम लिख दूँ,तेरे नाम ये उम्र,तमाम लिख दूँ !बहती हवा का,थाम लूँ दामन,चुपके से उनको,सलाम लिख दूँ
Read Moreसुबह लिख दूँ,कि शाम लिख दूँ,तेरे नाम ये उम्र,तमाम लिख दूँ !बहती हवा का,थाम लूँ दामन,चुपके से उनको,सलाम लिख दूँ
Read Moreइन सुंदर फूलों को कौन खिलाता है ? प्रकृति इन सुंदर फूलों में कौन रंग भरता हैं? प्रकृति इन सुंदर
Read Moreविरह की वेदना हुई ज्वलंत मन को भटकाने लो फिर से आ गया बसंत मौसम का राजा कहो या
Read Moreधर्म और भूख में क्या परस्पर कोई सम्बन्ध है? हां, अवश्य है, कम से कम भारत में तो रहा है
Read Moreमाँ !है चाहत मेरी रहूँ कैद घर में ही ताकि बची रहे आबरू मेरी । डरती हूँ बन न जाऊँ
Read More(१) कोश नहीं किसी को तू, तू खुद से कोसों दूर । छोड़ अपने लोगों को, कोष हुआ मशहूर ।।
Read Moreइंतज़ार में मौन इंतज़ार में मौन तडफता है कभी नसों में चीटीयाँ रेंगती सी लगती है घास के तिनके भी
Read Moreशाम तीन बजे मुझे पर्सनल विभाग में बुलाया गया था, वहाँ कई औपचारिकताएँ पूरी हो गयीं, लेकिन एक बात पर
Read Moreचश्मे गिरयाँ में गुहर बन के ठहर जाती है, वही हंसी जो कभी लब पे बिखर जाती है। किसी भी
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