कविता

कविता

आज फिर है परेशान भारत माँ का दिल |
बड़ रहे हैं जगह – जगह क्यों कातिल |
कितनी कुर्बानियों से वीरों ने देश आज़ाद कराया था |
कईं माओं ने अपने इकलौते बेटों को भी गँवाया था |
आज फिर भारत माँ की पुकार है यही |
ना हो ज़ाया कुर्बानी किसी वीर की |
फिर कभी ना हो ऐसी खून की होली जिसे देख सबका दिल घबराया था |
घर – घर ना मचे तबाही , फिर ना वो कल दोहराए दोबारा |
उन्नति से आगे बड़ता रहे मेरा भारत देश यूंही लह – लहाए |||

— कामनी गुप्ता

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |