दोहा=
दोहा=
पहले -तीसरे चरण में १३ मात्राएँ ,[6+4+1+2,/,3+3+4+1+2]
दूसरे–चौथे चरण में ११ मात्राएँ[6+4+1//3+3+2+2+1]
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मन माया कदली हुई, शंकर गढ़ सम देश/
राज व्यूह रचना करें, मुक्तक मणि जस वेश/
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भाव बिना राधा नहीं, श्याम नहीं जिस देश/
भक्त हिए हरिहर बसे, जस कंचन हरिकेश /
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राजकिशोर मिश्र ‘राज’
१०/१०/२०१५
गजब के दोहे आदरणीय, मुरीद हुआ आपका मान्यवर
आदरणीय जी आपकी स्नेहिल आत्मीय पसंद एवम् हौसला अफजाई के लिए आभार सादर नमन जय माँ शारदे—–