ग़ज़ल
गीत ग़ज़लों की बारिश शायरी में होती है
दिलरुबा, अगर कोई जिंदगी में होती है
चाँद टाँक आया हूँ, आज उसकी खिड़की पर
जानेजाना खुश मेरी चाँदनी में होती है
खुद ही रूठे वो हमसे, खुद गले लगाया था
ये अदा मोहब्बत की, दोस्ती में होती है
क्या गज़ब रिवायत है इस अजब मुहब्बत की
यार की इनायत भी बेरुखी में होती है
घुट रही है ये साँसे आजकल न जाने क्यों,
जिस तरह घुटन अक्सर तीरगी में होती है।
दिल हुआ दिवाना है, यूँ तेरी तमन्ना में,
जिंदगी हसीं तेरी ही रहबरी में होती है
— रेनू मिश्रा
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