भाषा-साहित्य

हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनायें

आप सभी हिन्दीप्रेमियों को हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनायें

अब हम तो जन्म से ही हिंदी माध्यम वाले लड़के हैं ।
लेकिन आजकल वाले बच्चे दुनियां में आने से पहले ही इंग्लिश मीडियम टाइप हो जाते हैं।
हमारे और उनके बचपन में ही बहुत अंतर है।
जहाँ हमें किसी रिश्तेदार के आने पर कहा जाता कि बेटा चाचा जी से “जय जय” करो ! और हम बे झिझक सलाम ठोक देते थे।
पर आजकल की मम्मियाँ कहतीं हैं बेटा अंकल को फ़्लाइंग किस दो !! और आसानी से बच्चा फ़्लाइंग किस के साथ बोनस में आँख भी मारता है।
अब बच्चे तो मिटटी के कच्चे घड़े हैं वे वही सीखेंगे जो सिखाया जाएगा।
खैर इनके बाद आज के परिप्रेक्ष्य में देखें तो ,आज का इंसान भले ही अंग्रेज हो गया हो लेकिन गाली आज भी हिंदी में देता है।
आज कोई अंग्रेजी बोले तो उसे हिंदी में समझाना पड़ता है।
लड़का और लड़की भले प्यार में माय बेबी , माय लव करते हों लेकिन लड़ाई झगड़े के बाद हिंदी में बेवफाई वाली शायरी फेसबुक पर चेपते हैं।
बरहाल हिंदी का हमारे जीवन में उतना ही महत्व है जितना कि psychology में P का है।
बाक़ी सबके लिए आज हिंदी दिवस है जो मेरे लिये रोज होता है और आज ये ख़ास सिर्फ इसलिए है क्यों कि चौदह सितम्बर प्रतियोगी परीक्षाओं में पूंछा जाने वाला एक महत्वपूर्ण प्रश्न भी है !
बकाया एक आज के दिन एक सेल्यूट गूगल इंडिक कीबोर्ड को भी जिसकी बजह से ये मन की बातें आप सब तक पहुँच पाती है ।
इस हिंदी कीबोर्ड पर ,हम आप के विचार जब उँगलियों के रूप में थिरकते हैं तो हर रोज हिंदी दिवस हो जाता है।
और आज के लिये इतना ही ..
पढ़ने के लिये शुक्रिया…

राज सिंह

राज सिंह रघुवंशी

बक्सर, बिहार से कवि-लेखक पिन-802101 raajsingh1996@gmail.com