कविता

माँ वह है

माँ वह है
जो दिल की हर भावनाओं
को समझ लेती है
जो खुद दुख सहकर
सुख की काया भरती है!

माँ वह है
जो गिरने पर
संभाल लेती है
जो उंगली पकड़कर
चलना सिखाती है

माँ वह है
जिसे देखकर मन
पुलकित हो जाता है!
जिसे देखकर हर
आरमाँ पूरी हो जाती है!

माँ वह है
जो हमारी खुशी के लिए
अपना जी लगा देती है!
जो हमारी खुशी मे ही
अपना खुशी समझती है!

माँ वह है
जो हर धर में
खुशियाँ देती है
जो हर घर में
खुशबू बिखेर देती है!

माँ वह है
जिसके बिना बच्चा
मुरझाया फूल हैं
जिसके बिना जीवन
ही अधुरा है!

बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी (स्नातकोत्तर छात्रा) पता -चेनारी रोहतास सासाराम बिहार।