गीत/नवगीत

मां की महिमा

हे मां हमें तेरे चरणों में, सुख तीन लोक का मिलता है 
मिटें पाप-ताप-संताप यहां, मन-सुमन यहीं पर खिलता है-

हमें तूने ही है जन्म दिया, दुनिया तूने दिखलाई है
अब तो जिस ओर नज़र जाए, बस देती तू ही दिखाई है
नज़रों में (2) उजाले भर जाते, जब मुखड़ा तेरा दिखता है-हे मां हमें–

हम जहां रहें जैसे भी रहें, तुझको न भुला पाएंगे मां
तुझसे ही वजूद हमारा है, हम आभारी हैं तेरे मां
तेरा कोमल कर (2) सिर पर जो रहे, दुःख-दर्द का पर्वत हिलता है-हे मां हमें–

इस गाने को आप इस लिंक पर वीडियो के रूप में देख-सुन भी सकते हैं.

 

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “मां की महिमा

  • लीला तिवानी

    दुनिया में तेरे प्यार का कोई तोल नहीं,
    तेरे अहसानों का मां दुनिया में कोई मोल नही,
    तेरे नाम की तुलना में दुनिया में कोई बोल नहीं,
    स्वार्थ की दुनिया में, तेरी कोई पोल नहीं,
    मां ममता का वह रूप, जिसमें प्यार का कोई अंत नहीं.

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