ओमप्रकाश प्रजापति को काव्यदीप सम्मान-2017
हापुड़ | 1 जुलाई, 2018 को देश की अग्रणी प्रतिष्ठित साहित्यिक-समाजिक संस्था काव्यदीप ने अपना पांचवा वार्षिकोत्सव होटल पेराडाईज (
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Read Moreचाँद कहता है मुझसे आदमी क्या अनोखा जीव है उलझन खुद पैदा करता है फिर न सोता है, और मुझसे
Read Moreबेला, जुही, चमेली, चम्पा, हरसिंगार लिख दे कैसे कोई शायर पतझर को बहार लिख दे उसको खुदा ने आँखें दी
Read Moreमापनी- 2212 122, 2122 122 जब गीत मीत गाए, मन काग बोल भाए विरहन बनी हूँ सखियाँ, जीय मोर डोल
Read Moreगुनहगारों का गुनाह क्या असर लाता है कि सारा शहर ही बियाबां नज़र आता है जो कदम गई यहाँ से
Read Moreमुझमें अवगुण भी संभव हैं, मैं कोई भगवान नही हूँ ! उगकर, सूरज भी ढलता है । सुख के संग
Read Moreचाहे जितने गीत लिखें हम ताजमहल की सुंदरता पर. चाहे जितने गीत लिखें हम शाहजहाँ की प्रेम कथा पर. लेकिन
Read Moreकविता – कलम की मार से मचा हाहाकार सबकी अपनी सोच है,सबका अपना मन। लगती हो लगे बुरी,पर हम लिखते
Read Moreहिंदी हिंद की शान है | हम सब की पहचान है || संस्कारों की खान है | हिंदी हिंद की………
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