हाइकू
छोटा शहर भीड़ तनातन है लगता ड़र पीड़ा गहरी दुख रहा है तन मन रो रहा जंगल घना सन्नाटा पसरा
Read Moreप्रसन्नता की प्रतिमा थी वह, या खुशियों का गुलदस्ता, लगी सोचने क्या क्या हो सकता, नाम सुघड़ सुकुमारी का. बड़ी-बड़ी
Read Moreएक नए अध्ययन से पता चला है कि भारत में स्वस्थ दिखने वाले अधिकतर शहरी लोग विटामिन की कमी से
Read Moreशहर को हुए तो गांव से भी गए, इक पक्की छत की तलाश में पेड़ों की छाँव से भी गए,
Read Moreबुंदेलखंड के बांदा जिले के एक पिछडे़ गांव ‘बल्लान’ में 1973 में जन्म हुआ और 1998 में प्राथमिक शिक्षा के
Read More“तुम तो अपने पति की काबिलियत और उनके गुणों की तारीफ करते हुए नहीं थकती थीं, पर अब क्या हो
Read Moreभारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी “इसरो” के सफलता के पन्नो में एक और सफल पन्ना जुड़ गया है। जिसने सभी
Read Moreमन रूपी घट बसे साँवरे,फिर भी तृष्णा रही अधूरी । जैसे वन वन ढूँढ़ रहा मृग ,छिपी हुई मन में
Read Moreहमारी पृथ्वी अपने आँगन में प्रकृति और पर्यावरण नामक अपने करिंदों से करोड़ों-अरबों वर्षों के अथक लगन, परिश्रम और अद्भुत
Read Moreरंग बदलते चेहरे देखे, और बदलती देखी चाल नाखूनों में लहू लगा है, पर सबकी नीली है खाल। कहीं गरीबी
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