लघुकथा

सावधान रहिए

अर्पिता और अमित के जीवन में सब कुछ बड़ा ही खुशहाल चल रहा था। शादी के 20 वर्ष बाद अपने काम से अमित बहुत खुश था और अपनी बिटिया अंकिता के लिए एक सुंदर भविष्य की कामना के साथ उसने उसकी पढ़ाई के लिए सेविंग की हुई थी।

अंकिता भी पढ़ने में काफी होशियार है।इस बात से अमित और अर्पिता के मन को बड़ी तसल्ली है।सब कुछ ठीक चल रहा है अंकिता ने 12 वीं क्लास का एग्जाम दिया है और अपनी अपेक्षा के अनुसार 94% मार्क्स आने पर उसका परिवार बहुत खुश है।

अंकिता के पापा मिठाई की दुकान से मिठाई खरीद कर बड़ी तेजी से अपनी बाइक से घर जाने की जल्दी में बहुत तेज चलाते हुए घर पहुंचने की कोशिश में एक्सीडेंट करवा लेते हैं।

जिसके कारणवश उनके शरीर को बहुत चोट लग जाती है।एक्सीडेंट के बाद अमित के इलाज में हुए खर्चे के कारण जीवन की सारी जमा पूंजी खत्म हो गई और इस घटना में अमित भी अपने पैरों से चलने के काबिल ना रहा।

अचानक मां बेटी के ऊपर सारे घर की जिम्मेदारी आ गयी।अर्पिता ज्यादा पढ़ी हुई नही है इस कारण उसने एक कपड़ो की दुकान पर नोकरी करना शुरू कर दिया है।पति की दवाई का खर्चा और घर चलाना बहुत ही भारी होता जा रहा है।

घर की सारी परेशानी देखते हुए उनकी बेटी अंकिता ने भी अपनी पढ़ाई छोड़कर एक शोरूम में सेल्सगर्ल की नोकरी कर ली।पिता के ऊपर आयी अचानक विपदा को दूर करने में उज्जवल भविष्य की ओर जाती हुई अंकिता की पढ़ाई भी रुक गई और घर और माता पिता की स्थिति को संभालने के लिए अंकिता को एक छोटी उम्र में ही नोकरी करनी पड़ गयी।

पिता के द्वारा लापरवाही से बाइक चलाने की वजह से अंकिता का भविष्य नष्ट हो गया और एक उज्जवल भविष्य की तरफ जाती है अंकिता अचानक घर की जिम्मेदारी के नीचे आकर कुछ ही दिनों में 18 साल की उम्र में लगभग 30 साल की लगने लगी।

नीरज त्यागी

पिता का नाम - श्री आनंद कुमार त्यागी माता का नाम - स्व.श्रीमती राज बाला त्यागी ई मेल आईडी- neerajtya@yahoo.in एवं neerajtyagi262@gmail.com ग़ाज़ियाबाद (उ. प्र)