मुक्तक
“मुक्तक” तुझे देख सौदामिनी, डर जाता मन नेक। तू चमके आकाश में, डरती डगर प्रत्येक। यहाँ गिरी कि वहाँ
Read Moreजुलाई के दूसरे सप्ताह में हमने अपने कुछ रिश्तेदारों के साथ कश्मीर का भ्रमण किया। कश्मीर में आतंकवादी घटनायें लगभग
Read Moreओ३म् ईश्वर ने यह संसार अपनी शाश्वत् प्रजा जीवों के सुख के लिये बनाया है। हमारा कर्तव्य है कि हम
Read Moreओ३म् गुरुकुल कांगड़ी के एक पुराने स्नातक पं0 भगवद्दत्त वेदालंकार हुए हैं। उनकी एक पुस्तक है ‘‘वेद विमर्श”। पुस्तक में
Read Moreभोले शंकर अबके सावन में अपने पास बुलाना। दिल में जगह न दो तो अपने पैरो में जगह बनाना।।
Read Moreऑस्ट्रेलिया से कवि सम्मेलन में धूम मचाकर मिन्नी अपनी मां सविता के साथ पेरिस कवि सम्मेलन में भाग लेने के
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