कविता

मौत से लड़ना क्या

मौत से लड़ना क्या ,
मौत तो एक बहाना है,
जिन्दगी के पन्नों में,
कब क्या हो जाए,
ये न तो मै जानता न तुम,
उल्फत न मिलती ,
जिवन के रुसवाईयो मे,
हर जहा हमे पता होता ,
जिवन के रह्नुमाईयो मे,
मौत से मुड़ना क्या,
आरजू , गुस्त्जू से ,
अनुभूतियाँ नही होती ,
हर रास्तों मे हमे,
कोई खूबियाँ नही मिलती,
क्या जाने कब मौत आ जाए ,
जिन्दगी की डगर पे ,
धूप की छाँव मे,
वर्षा की राहों मे,
मुद्ते बदल देती है,
मौत तो एक आकांक्षा है ,
मौत से लड़ना,
मौत तो एक बहाना है ,
जिवन की राहो मे,
यमदूत से डरना क्या,
दोस्त बना लेना है!

रूपेश कुमार

भौतिक विज्ञान छात्र एव युवा साहित्यकार जन्म - 10/05/1991 शिक्षा - स्नाकोतर भौतिकी , इसाई धर्म(डीपलोमा) , ए.डी.सी.ए (कम्युटर),बी.एड(फिजिकल साइंस) वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी ! प्रकाशित पुस्तक ~ *"मेरी कलम रो रही है", "कैसें बताऊँ तुझे", "मेरा भी आसमान नीला होगा", "मैं सड़क का खिलाड़ी हूँ" *(एकल संग्रह) एव अनेकों साझा संग्रह, एक अंग्रेजी मे ! विभिन्न राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओ मे सैकड़ो से अधिक कविता,कहानी,गजल प्रकाशित ! राष्ट्रीय साहित्यिक संस्थानों से सैकड़ो से अधिक सम्मान प्राप्त ! सदस्य ~ भारतीय ज्ञानपीठ (आजीवन सदस्य) पता ~ ग्राम ~ चैनपुर  पोस्ट -चैनपुर, जिला - सीवान  पिन - 841203 (बिहार) What apps ~ 9934963293 E-mail - - rupeshkumar01991@gmail.com