विविध

विलासी लोग और ट्रांसजेंडर मित्रो की पीड़ा

हम ऐसे हुए ‘गुलाम’ !

आदिवासियों के जंगल से चिपके रहने के कारण कुलीन हिंदुओं ने भारत मे साम्राज्य स्थापित किया । हिंदुओं के विलासिता में डूबे रहने के कारण मुसलमानों ने देश को गुलाम बनाया और मुसलमान भी जब  यहाँ विलासी हो गए, तब देश को ईसाइयों (अंग्रेजों) ने गुलाम बनाया !  अब देश के हर क़ौम और जाति के युवा विलासी हो गए हैं, ऐसे में गुलामी की पुनरावृत्ति लिए डर लगा रहता है!

एक ट्रांसजेंडर मित्र की पीड़ा !

मेरे एक ट्रांसजेंडर मित्र ने अच्छा ही लिखा/लिखी है– “वजूद के लिए हिलना और हिलाना पड़ता है!”
यह सिर्फ़ ट्रांसजेंडर्स की ही बात नहीं, उन पुरुष और स्त्रियों के लिए भी है, जो हर योग्यताओं के वरण के बावजूद इच्छित मक़ाम हासिल नहीं कर पाते हैं!

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.